भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
नया पृष्ठ: {{KKGLobal}} {{KKRachna |रचनाकार=साहिर लुधियानवी |संग्रह= }} {{KKCatGhazal}} <poem> चाँद मद्धम ह…
{{KKGLobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=साहिर लुधियानवी
|संग्रह=
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
चाँद मद्धम है आसमां चुप है
नींद की गोद में जहाँ चुप है
दूर वादी में दूधिया बादल
झुक के पर्बत को प्यार करते हैं
दिल में नाकाम हसरतें लेकर
हम तेरा इंतज़ार करते हैं
इन बहारों के साये में आजा
फिर मुहब्बत जवाँ रहे न रहे
ज़िंदगी तेरे नामुरादों पर
कल तलक मेहरबां रहे न रहे
रोज की तरह आज भी तारे
सुबह की गर्द में ना खो जाएँ
आ तेरे ग़म में जागती आँखे
कम से कम एक रात सो जाएँ
चाँद मद्धम है आसमां चुप है
नींद की गोद में जहाँ चुप है
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=साहिर लुधियानवी
|संग्रह=
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
चाँद मद्धम है आसमां चुप है
नींद की गोद में जहाँ चुप है
दूर वादी में दूधिया बादल
झुक के पर्बत को प्यार करते हैं
दिल में नाकाम हसरतें लेकर
हम तेरा इंतज़ार करते हैं
इन बहारों के साये में आजा
फिर मुहब्बत जवाँ रहे न रहे
ज़िंदगी तेरे नामुरादों पर
कल तलक मेहरबां रहे न रहे
रोज की तरह आज भी तारे
सुबह की गर्द में ना खो जाएँ
आ तेरे ग़म में जागती आँखे
कम से कम एक रात सो जाएँ
चाँद मद्धम है आसमां चुप है
नींद की गोद में जहाँ चुप है
</poem>