भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
लाठी में गुण बहुत हैं, सदा रखिये संग ।<br />गहरि , नदी , नाली जहाँ, तहां बचावे अंग ।।<br />तहां बचावे अंग, झपटि कुत्ता कहँ मारै ।<br />