भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
बहुत उदास हैं
इन पर बैठने वालों ने
घर के मंजों पर<ref>पलंगों पर</ref> ही कब्जा कब्ज़ा कर लिया है ।
'''मूल पंजाबी से अनुवाद : अर्जुन निराला'''
</poem>
{{KKMeaning}}
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,747
edits