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ममता से वंचित-शापित
माँओं के ख्यालों में
पलते-बढ़ाते बढ़ते बच्चे लाड़-दुलार के काबिल नहीं रह पाएंगे,माँओं की स्नेह-सनी फटकार सुनाने सुनने को
चुनिन्दा शिष्टजन अतीत की खिड़कियों से
दूर धूमिल होते मार्गों पर टकटकी लगाए
जिसकी अंगुलियाँ थामे कोई आदर्श बच्चा
कभी-कभार नज़र आ ही जाएगा
दाराडरा-सहमा सा उसके सबक सुनानाते सुनाते हुए
निर्दयी विकास के भारी-भरकम कदमों से
प्राचीन इबारतों में
मुश्किल से कोई खरागोशी खरगोशी बच्चा
मिसाल के तौर पर
बरामद किया जा सकेगा
मौजूदा नौनिहालों के लिए
जो चुइंगम चुबलाते हुए
और अपने पिटा पिता के चोर जेबों से
रूपए झटक कर अंकल चिप्स खाते हुए
मरदाने अट्टहास से
मैं उन अपहृत बच्चों की बरामदगी के लिए
भविष्य के राज मार्गों राजमार्गों पर भटक रहा हूँ
एक कर्त्तव्यनिष्ठ थानेदार की तलाश में
जो ढूंढ लाएगा ऎसी माँएँ
जो प्रसवित करेंगी
मलयवाहिनीभोर मलयवाहिनी भोर की तरह
शीतल और सुवासित बच्चे
मैं उस निर्मम माँ से बेहद खफा हूँ
जिसने अपने अनखिले पुष्प को
हत्यारी धाराओं के हवाले कर दिया था , धाराओं ने पुष्प-कलि को अपने आँचल में समेतसमेट
इतिहास के सुपुर्द कर दिया
जिसके खुरदुरे मैदान में फैलकर
वह उधृत उद्धृत कर गया एक मुहावरा
दानवीर महानायक कर्ण का
ऎसी घटनाओं के मव्जूदा मौजूदा चलन में
बदचलन कुमाताएँ विकृत करती जा रही हैं
ममत्त्व का चेहरा