भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
New page: {{KKGlobal}} रचनाकार: [[मंगलेश डबराल]] [[Category:कविताएँ]] [[Category:मंगलेश डबराल]] ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~...
{{KKGlobal}}
रचनाकार: [[मंगलेश डबराल]]
[[Category:कविताएँ]]
[[Category:मंगलेश डबराल]]
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
मैंने कहा जाओ
मेरी जेब के बचे -खुचे पैसो
बाहर निकलो
कोई रास्ता खोजो जाने का
पसीने के छेदों से
या मेरी आत्मा में से ही बाहर निकलो
तुम्हें मैंने काफ़ी मेहनत से कमाया था
जाओ ख़र्च हो जाओ
मेरी मेहनत भी इसी तरह
होती रही है ख़र्च
(1991 में रचित)
रचनाकार: [[मंगलेश डबराल]]
[[Category:कविताएँ]]
[[Category:मंगलेश डबराल]]
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
मैंने कहा जाओ
मेरी जेब के बचे -खुचे पैसो
बाहर निकलो
कोई रास्ता खोजो जाने का
पसीने के छेदों से
या मेरी आत्मा में से ही बाहर निकलो
तुम्हें मैंने काफ़ी मेहनत से कमाया था
जाओ ख़र्च हो जाओ
मेरी मेहनत भी इसी तरह
होती रही है ख़र्च
(1991 में रचित)
Anonymous user