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कविता-1 / भरत ओला

23 bytes added, 07:49, 5 फ़रवरी 2011
<Poem>
<nowiki>
उनकी नजर में
कविता लिखना फैशन है
आज
जब कौए ने
ऊँट की टाकर <ref>घाव</ref> पर
मारी चोंच
तो पता नहीं
पसर गई कविता
उसके नंगे घावों पर
</nowikiPoem>{{KKMeaning}}
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