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मुहाजिरनामा / मुनव्वर राना
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|रचनाकार=मुनव्वर राना
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मुहाजिर हैं मगर हम एक दुनिया छोड़ आए हैं,
तुम्हारे पास जितना है हम उतना छोड़ आए हैं ।
अनिल जनविजय
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