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यह चाँद उदित होकर नभ में <br>
कुछ ताप मिटाता जीवन का, <br>
लहरालहरा लहरा लहरा यह शाखाएँ <br>
कुछ शोक भुला देती मन का,<br>
कल मुर्झानेवाली कलियाँ <br>