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गर्मी-ए-हसरत-ए-नाकाम से जल जाते हैं / क़तील
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10:13, 15 जून 2007
रब्ता बाहम पे हमें क्या न नहेंगे दुश्मन <br>
आशना जब तेरे पैग़ाम से जल
जाता है
जाते हैं
<br><br>
Lalit Kumar
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