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|संग्रह=वंशी और मादल / ठाकुरप्रसाद सिंह
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फूला, इचाक पलाश लो फूला
आ, अमराइयों में प्रिय मेरी
ग्रीष्म के अंधड़ का पड़ा झूला
पलाश लो फूला
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