Changes

}}
[[Category:ग़ज़ल]]
'''लेखन वर्ष: २००५''' <br/><br/>कभी विनय कभी नज़र कभी वफ़ा हूँ मैं<br/poem>तुझसे हूँ या न हूँ पर खु़द से ख़फ़ा हूँ मैं<br/><br/>चला जो मंज़िल को हाइल हर गाम मिले<br/>रहे-इश्क़ में भी दुनिया से बँधा हूँ मैं<br/><br/>तुम जिस राह चले चलो मैं भी चला चलूँ<br/>जिससे कोई न गुज़रा वह रास्ता हूँ मैं<br/><br/>मेरा कोई खु़दा नहीं मेरे खु़दा बन जाओ<br/>सच मानो तुम्हें देखकर बदल गया हूँ मैं<br/><br/>मेहरो-मोहब्बत का नामो-निशाँ तक नहीं<br/>जाने-मन तेरे लिए बहुत तरसा हूँ मैं<br/><br/>मसाइले-जहान से यह दिल नाचार है<br/>खा़मोश क्यों रहूँ’ क्या कोई पारसा हूँ मैं<br/><br/>'''रचना काल: २००५'''
'''''कभी विनय कभी नज़र कभी वफ़ा हूँ मैंतुझसे हूँ या न हूँ, खु़द से ख़फ़ा हूँ मैं चला जो मंज़िल को हाइल''': <ref>बाधक । '''</ref> हर गाम मिलेरहे-इश्क़ में भी दुनिया से बँधा हूँ मैं तुम जिस राह पे ले चलो मैं चला चलूँबारिश में बहता हुआ रास्ता हूँ मैं खु़दा नहीं मेरा, मेरे खु़दा बन जाओसच है तुम्हें देखकर बदल गया हूँ मैं मेहरो-मोहब्बत का नामो-निशाँ तक नहींजाने-मन तेरे लिए बहुत तरसा हूँ मैं मसाइले-जहान''': <ref>दुनिया की मुश्किलें । '''</ref> से यह दिल नाचार हैचुप क्यों रहूँ? क्या कोई पारसा''': <ref>महात्मा''</ref> हूँ मैं {{KKMeaning}}</poem>