Changes

नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ग्वाल }}{{KKAnthologyGarmi}} [[Category:पद]] <poem>बरफ-सिलान की बिछायत बन…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ग्वाल
}}{{KKAnthologyGarmi}}
[[Category:पद]]
<poem>बरफ-सिलान की बिछायत बनाय करि,
सेज संदली पै कंज-दल पाटियतु है ।
गालिब गुलाब जल-जाल के फुहारे छूटें,
खूब खसखने पर गुलाब छाँटियतु है ॥
ग्वाल कवि सुंदर सुराही फेरि, सोरा में-
औरा कौ बनाय रस,प्यास डारियतु है ।
हिमकर-आननी हिवाला सी हिए तें लाय,
ग्रीषम की ज्वाला के कसाला काटियतु है ॥
</poem>
916
edits