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ये हट्टे-कटते कट्टे भिखमंगे
चलते अकड़कर, डंडे पकड़कर
हाथ झुलाते हुए बण्डल जकड़कर
पैर पटककर
धुँआए ओठों पर जीभ लिसोढ़कर,
गुठलियाँ चिचोरातेचिचोरते
पालीथीन पलटकर
माल चिसोरते,
फिस्स-फिस्स हंस देते,
फिर, अपनी केहुनियों पर
बचपन से जमी कईकाईनिकोरते , बहलते
ये मनमौजी, मुस्टंडे