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|संग्रह=यह कैसा मजाक है / मदन डागा
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वर्षा के मिस
साफ़ करने
सड़क की स्लेट ।
छींटे जब डाले
मौसम ने ।
गायब हुए
स्लेट से--
अ से अमीर
ध से धनी
म से महाजन
लेकिन
ग से गरीब
म से मज़दूर
अभी भी अंकित हैं
वर्षा से
आतंकित हैं
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