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एक पल में एक सदी का मज़ा / ख़ुमार बाराबंकवी
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13:47, 31 मार्च 2011
वो जान ही गये कि हमे उनसे प्यार है
आँखो की
मुखबीरी
मुखबिरी
का मज़ा हमसे पूछिए
हँसने का शौक हमको भी था आपकी तरह
</poem>
Kartikey agarwaal khalish
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