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|रचनाकार=विनय कुमार
|संग्रह=क़र्जे़ तहज़ीब एक दुनिया है / विनय कुमार
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[[Category:ग़ज़ल]]
चांद से नाराज़ हूँ मैं, चांद है मुझ से ख़फ़ा।<BR >