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किसी जगह / महेश वर्मा

No change in size, 06:25, 6 मई 2011
तुम्हें मिलेगा धूप का एक कतरा
जो छूट गया था एक पुराने दिन की कच्ची सुबह से
और वहां वहाँ गूँजता होगा एक चुंबन
बीतते जाते हैं बरस और
पुरानी जगहों पर ठिठका, रूका रहता है
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