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माँ / नीलेश रघुवंशी

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घबराई हुई-सी प्लेटफॉ़म प्लेटफॉम पर
हाथों में डलिया लिए
क्यका क्य पक्षियों का कलरव
झूठमूठ ही बहलाता है हमें ?
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