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'''नाम''' : डॉ0 अशोक कुमार शुक्ला
'''जन्म तथा जन्मस्थान''' :
[[05 जनवरी ]] 1965 को [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के जनपद सीतापुर में महाकवि [[नरोत्तमदास]] की जन्मस्थली से जुड़े ग्राम का मूल निवासी । परन्तु पिता के राजकीय सेवा में होने के कारण शिक्षा-दीक्षा [[उत्तराखंड]] के पौड़ी (गढ़वाल), पिथौरागढ़, तथा उत्तरकाशी जनपदों में पूरी हुई। पर्वतीय संस्कृति से विशेष लगाव ।
'''शिक्षा''' :
भौतिक विज्ञान तथा शिक्षा विज्ञान में परास्नातक होने से साथ शिक्षा-विज्ञान में पी-एच०डी०
'''साहित्यिक कार्य'''
पहली रचना कविता ‘संकल्प’ (उद्बोधन)1978 में साप्ताहिक ‘गढवाल मंडल’ में प्रकाशित । उसके उपरांत अनेक रचनाएँ (कविताएँ, संस्मरण, कहानियाँ तथा विज्ञान विषयक लेख ‘नवभारत टाइम्स’, ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’, ‘धर्मयुग’,‘दैनिक अमर उजाला’,‘साप्ताहिक पर्वतीय टाइम्स’,‘साप्ताहिक जन लहर’,‘मधु-मुस्कान’,‘दैनिक स्वतंत्र भारत’,‘विज्ञानप्रगति’,‘हिन्दुस्तान फीचर समाचार सेवा’,पौड़ी टाइम्स’,‘संवाद-भारती फीचर सेवा’, ‘अहा ज़िन्दगी’, ‘युगवाणी’,‘उत्तरांचल पत्रिका’,‘तहलका’,‘दिगन्त’, ‘गृहनंदिनी’,‘बालवाणी’, सहित विभिन्न समाचापत्रों/पत्रिकाओं में समय-समय पर प्रकाशित।
आकाशवाणी लखनऊ से विज्ञान विषयक वार्ताओं का प्रसारण।
'''संप्रति'''
सन् 2000 में पृथक [[उत्तराखंड]] राज्य के गठन के बाद राजकीय सेवा के बँटवारे में [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के हिस्से में आने के बाद जीवन-यापन के लिये संप्रति [[उत्तर प्रदेश]] राज्य की [[ राजस्व (प्रशासनिक) सेवा ]]का अधिकारी हूँ ।
[[05 जनवरी ]] 2011 को मेरे जन्म दिवस पर कुछ मित्रों ने मुझे [http://www.kavitakosh.org कविताकोश ] नामक वेबसाइट के बारे में बताया तो 6 जनवरी 2011 को पहली बार इस कोश से सदस्य की हैसियत से जुड़ा। कुछ शुरूआती ग़लतियों के बाद तब से अब तक [http://www.kavitakosh.org कविताकोश ]में फिलहाल निम्नलिखित रचनाओं को जोड़कर योगदान कर सका हूँ।
*'''[[गीत माधवी / चन्द्रकुंवर बर्त्वाल]]''' (कविता-संग्रह)
*'''[[विराट ज्योति / चन्द्रकुंवर बर्त्वाल]]''' (कविता-संग्रह)
*'''[[दाना चुगते मुरगे/ उमेश चौहान ]]'''कविता-संग्रह
*'''[[जिन्हें डर नहीं लगता/ उमेश चौहान ]]'''कविता-संग्रह
'''इसके अतिरिक्त यह मेरी कामना (तथा विश्वास) था कि जुलाई 2011 में [http://www.kavitakosh.org कविताकोश ] की पाँचवी वर्षगांठ होने तक मैं इसमें 1000 पन्ने जोड़ सकने वाला सदस्य बन सकता हूँ । इस पुनीत कार्य में मदद करने के लिये श्री [[अनिल जनविजय]] जी का आभारी हूँ कि उनके द्वारा मुझे फॉन्ट परिवर्तन की ‘जादू की छड़ी’ दी गयी जिसकी सहायता से मैं 9 मई 2011 को [http://www.kavitakosh.org कविताकोश ] से जुड़ने के मात्र 123 दिनों में ही इसमें 1000 पन्ने जोड़ने वाला सदस्य बन सका हूँ।'''