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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नवनीत पाण्डे |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem>रोज देखता वह न…
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{{KKRachna
|रचनाकार=नवनीत पाण्डे
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>रोज देखता वह नींद में
अच्छे-अच्छे दिन
अच्छी-अच्छी बातें
पर जब भी जागता
देखता-सुनता अपने बाहर-भीतर
सांपों की फ़ुंकार
साफ़ महसूसता
अपने भीतर एक फ़ुंकार</poem>
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|रचनाकार=नवनीत पाण्डे
|संग्रह=
}}
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<poem>रोज देखता वह नींद में
अच्छे-अच्छे दिन
अच्छी-अच्छी बातें
पर जब भी जागता
देखता-सुनता अपने बाहर-भीतर
सांपों की फ़ुंकार
साफ़ महसूसता
अपने भीतर एक फ़ुंकार</poem>