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|रचनाकार=त्रिपुरारि कुमार शर्मा
}}
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माँ मै घर तो आना चाहता हूँ पर
कोई बन्धन है जो रोकता है मुझे
कहा था तुमने ‘कुछ बन कर आना’
</poem>
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|रचनाकार=त्रिपुरारि कुमार शर्मा
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माँ मै घर तो आना चाहता हूँ पर
कोई बन्धन है जो रोकता है मुझे
कहा था तुमने ‘कुछ बन कर आना’
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