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{{KKRachna
|रचनाकार=अलका सिन्हा
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<poem>
वृक्ष ने आवेश में भर लिया
पत्तियों को
अपनी बलिष्ठ बांहों बाँहों मेंबेतरह।बेतरह ।
पत्तियाँ लजाईं,