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गुलमोहर / अलका सिन्हा

21 bytes added, 15:47, 28 मई 2011
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|रचनाकार=अलका सिन्हा
|संग्रह= }}{{KKCatKavita‎}}
<poem>
वृक्ष ने आवेश में भर लिया
पत्तियों को
अपनी बलिष्ठ बांहों बाँहों मेंबेतरह।बेतरह ।
पत्तियाँ लजाईं,
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