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भीड़-भाड़ में चलना क्या ?
कुछ हटके-हटके चलो
वह भी क्या प्रस्थान कि जिसकी अपनी जगह न हो
हो न ज़रूरत, बेहद जिसकी, कोई वजह वज़ह न हो,
एक-दूसरे को धकेलते, चले भीड़ में से-
बेहतर था, वे लोग निकलते नहीं नीड़ में से
दूर चलो तो चलो
भले कुछ भटके-भटके चलो
तुमको क्या लेना-देना ऐसे जनमत से है
घटना बन सकते हैं वे, लेकिन इतिहास नहीं
भले नहीं सुविधा से -
चाहे, अटके-अटके चलो
जिनका अपने संचालन में अपना हाथ न हो
जनम-जनम रह जायें जाएँ अकेले, उनका साथ न हो
समुदायों में झुण्डों में, जो लोग नहीं घूमे
मैंने ऐसा सुना है कि उनके पाँव गए चूमे