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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार= रेंवतदान चारण|संग्रह=चेत मांनखा / रेंवतदान चारण}}[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]{{KKCatKavita}}<poem>लूम-झूम मदमाती, मन बिलमाती, सौ बळ खाती,
गीत प्रीत रा गाती, हंसती आवै बिरखा बींनणी।
चौमासै में चंवरी चढ़नै, सांवण पूगी सासरै
