भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया |संग्रह= }} [[Category:मूल राजस्थानी …
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया
|संग्रह=
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita‎}}<poem>कोनी कोरो नांव
रेत रो हळदीघाटी,
अठै उग्यो इतिहास
पुजीजै इण री माटी,

कण-कण घण अणमोल
रगत स्यूं अंतस भीज्यो।
नहीं निछतरी भोम
गिगन रो हियो पतीज्यो,

गूंजी चेतक टाप
जुद्ध रा ढोल घुरीज्या,
पड़ी ना’र री थाप
जुलम रा पग डफळीज्या,

राच्यो रण घमसाण
बाण स्यूं भाण ढकीज्यो।
लसकर लोही झ्याण
अथग खांडो खड़कीज्यो,

मूंघी मोली राड़
स्याळ स्यूं सिंग अपड़ीज्यो,
दब्यो दरप रो सरप
सांतरो फण चिगदीज्यो,

नहीं तेल नारेळ
भटां रा मूंड चढीज्या,
धड़ लड़ धोयो कळख
जबर दुसमण रळकीज्या,

दीन्ही गोडी टेक
अठै आयोड़ी हूणी,
माथै लगा बभूत
पूत, जामण री धूणी,

थिरचक डांडी साच
पालड़ै तिरथ तुलीजै।
इण री चिमठी धूळ
बापड़ो सुरग मुलीजै।
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
5,484
edits