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Kavita Kosh से
४.
बोलना किसीसे, देख लेना किसी और को
हृदय किसीका छेंकिसीका छीन, देना किसी और को
आपकी कला थी, किन्तु काल बनी प्राण की
नाव में बिठा के मुझे, खेना किसी और को
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