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इतना पवित्र शब्द / रणजीत

3 bytes added, 12:35, 2 जुलाई 2011
अमृता प्रीतम का एक वाक्य
आज छू पाया है तुम्हारे कान:
"इतना पवित्र शब्द और होठ होंठ मेरे जूठे
कैसे कहूँ कि मैं
तुम्हें प्यार......"
</poem>
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