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Kavita Kosh से
वह किसी फूल में नहीं देखी
जैसी खुशबू ख़ुशबू थी उन निगाहों में
कुछ तो इस दिल ने कह दिया था उन्हें
कल सितारों की नर्म छाँहों में
वे ख्यालों ख़यालों में ही मिलें तो कभी
है अँधेरा इन ऐशगाहों में!