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Kavita Kosh से
हम तो प्यासे रहे पानी के, हमारा क्या है!
उनकी महफ़िल है, शराब उनकीहै, प्याला उनका
हम तो दो घूँट चले पीके, हमारा क्या है!
उड़ रही है तेरे जूडे जूड़े की जो ख़ुशबू हर ओर
एक सिवा दिल की तसल्ली के, हमारा क्या है!