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|रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
|संग्रह=सौ गुलाब खिले / गुलाब खंडेलवाल
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[[category: ग़ज़ल]]
<poem>
हमसे किसी का प्यार छिपाया न जायेगा
इतना हसीन बोझ उठाया न जायेगा
 
मेंहदी लगी हुई है उमंगों के पाँव में
सपने में भी तो आपसे आया न जायेगा
 
लय-ताल टूट जाते हैं आते ही उनका नाम
जीवन का गीत हमसे तो गाया न जायेगा
 
हँसने की बात और थी, रोने की बात और
पत्थर के दिल में फूल खिलाया न जायेगा
 
यों तो किसी के मन से उतारे हुए हैं हम
आयेंगे याद फिर तो भुलाया न जायेगा
 
लहरा रहे हैं आपकी आँखों में अब गुलाब
काँटों से ज़िन्दगी को बचाया न जायेगा
<poem>
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