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Kavita Kosh से
हमने यह रात लिखा दी है तेरे प्यार के नाम
फिर से बिछडे बिछुड़े हुए राही जहाँ मिल जायँ कभी
दूर इस राह में ऐसा भी कोई होगा मुकाम