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फूलों में हँसा करते हैं कभी पत्तों में इशारा करते हैं
बिछुडे बिछुड़े हुए राही मिल न सके, आख़िर हम भीड़ में खो ही गए
दिल उनको पुकारा करता है, हम दिल को पुकारा करते हैं
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