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उसके होंठ फूटते हैं
किसी भारी पत्थर की धार से टकराकर
एक ठन्डे ठंडे काले रक्त की धार लील लेती है सब कुछऔर चारों तरफ तरफ़ एक सन्नाटा
ख़ामोश लाल परदे की तरह छाने लगता है
जो मेरी आत्मा के घायल