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गौरांग, स्वस्थ, तप-पूत, ज्योति के सायक-से
पुरुषोत्तम सर्व-गुणोपम, विश्व-विधायक-से
वन मध्य खड़े थे गौतम ऋतुपति-नायक-से
कंपित लतिका के भाव-सुमन सुख-दायक-से
चरणों पर बिखर रहे थे
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