कविता कोश के पाँच वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में होने जा रहे एक भव्य समारोह के दौरान ::::'''प्रथम कविता कोश सम्मानसमारोह जयपुर में सफलतापूर्वक संपन्न''' भी प्रदान किए जाएंगे। यह समारोह 7 अगस्त को जयपुर में होगा। आप इस आयोजन में शिरकत करने के लिए सादर आमंत्रित हैं।
<div style="width:450px; padding:10px; border:1px solid #000; background:#f2f2f2">'''प्रथम कविता कोश सम्मान समारोह 07 अगस्त 2011 चयन समिति'''<br><table style="width:100%; background:transparent"><tr><td valign="top" style="text-align:center">को जयपुर में जवाहर कला केंद्र के कृष्णायन सभागार में संपन्न हुआ। इसमें दो वरिष्ठ कवियों ([[चित्र:Leeladhar mandaloi roundedcorners.pngबल्ली सिंह चीमा]]<br>'''और [[लीलाधर मंडलोई|श्री लीलाधर मंडलोईनरेश सक्सेना]]'''<br>''वरिष्ठ कवि''</td><td valign="top" style="text-align:center">) एवं पाँच युवा कवियों ([[चित्र:Aniljanvijayroundcorner.pngदुष्यन्त]]<br>''', [[अनिल जनविजय|श्री अनिल जनविजयअवनीश सिंह चौहान]]'''<br>''संपादक<br>कविता कोश''</td><td valign="top" style="text-align:center">, [[चित्र:Premchand gandhiroundcorner.pngश्रद्धा जैन]]<br>''', [[प्रेमचन्द गांधी|पूनम तुषामड़]] और [[सिराज फ़ैसल ख़ान]]) को सम्मानित किया गया। इस आयोजन में वरिष्ठ कवि श्री प्रेमचन्द गांधी[[विजेन्द्र]]'''<br>''राजस्थान प्रतिनिधि<br>, श्री [[ऋतुराज]], श्री [[नंद भारद्वाज]] एवं वरिष्ठ आलोचक प्रो. मोहन श्रोत्रिय भी उपस्थित थे। समारोह में बल्ली सिंह चीमा एवं नरेश सक्सेना का कविता पाठ मुख्य आकर्षण रहे। कविता कोश के प्रमुख योगदानकर्ताओं को भी कविता कोश''</td></tr></table></div>पदक एवं सम्मानपत्र देकर सम्मानित किया गया।
वर्ष समारोह में कविता कोश की तरफ से कविता कोश के संस्थापक और प्रशासक ललित कुमार, कविता कोश की प्रशासक प्रतिष्ठा शर्मा, कविता कोश के संपादक [[अनिल जनविजय]] कविता कोश की कार्यकारिणी के सदस्य [[प्रेमचन्द गांधी]], धर्मेन्द्र कुमार सिंह, कविता कोश टीम के भूतपूर्व सदस्य [[कुमार मुकुल]] एवं कविता कोश में शामिल कवियों में से [[आदिल रशीद]], [[संकल्प शर्मा]], [[रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु']], [[माया मृग]], [[मीठेश निर्मोही]], [[राघवेन्द्र]], [[हरिराम मीणा]], [[बनज कुमार ‘बनज’]] आदि उपस्थित थे। समारोह में यह घोषणा की गई कि 07 अगस्त 2011 से कविता कोश के सम्मानों संपादक एक वर्ष के लिए चयन समिति कवि [[प्रेमचन्द गांधी]] होंगे। भूतपूर्व सम्पादक [[अनिल जनविजय]] कविता कोश टीम के सक्रिय सदस्य के रूप में संपादकीय संयोजन का काम देखेंगे। [[चित्र:उपस्थितकवि.jpg|700px]] [[https://picasaweb.google.com/kavitakosh/2011?authuser=0&feat=directlink|कविता कोश सम्मान 2011 की तस्वीरें]] [[समारोह की तस्वीरें, वीडियो तथा मीडिया में चर्चा|कविता कोश सम्मान 2011 के वीडियो]] ::::'''प्रथम कविता कोश सम्मान समारोह की विस्तृत रपट''' कविता कोश टीम ने निम्नलिखित सात रचनाकारों कविता कोश के पाँचवे जन्मदिवस के अवसर पर कविता कोश जयंती समारोह का आयोजन किया। विगत 07 अगस्त 2011 को चुना जयपुर के प्रसिद्ध जवाहर कला केंद्र के कृष्णायन सभागार में यह भव्य समारोह संपन्न हुआ। समारोह के संयोजक और कविता कोश के संपादक श्री प्रेमचंद गाँधी ने उपस्थित कवियों, श्रोताओं और समारोह के सहभागियों का स्वागत करते हुए कहा यह दिन हिंदी कविता के इतिहास की एक बड़ी परिघटना है। सभी सम्मान बराबर पहली बार कविता कोश को इंटरनेट की दुनिया से निकाल कर सार्वजनिक मंच पर प्रस्तुत किया जा रहा है और हमारे इस समारोह में उपस्थित दो-ढाई सौ लोगों में मात्र वे कवि ही उपस्थित नहीं है जो कविता कोश में शामिल हैं बल्कि बहुत से पत्रकार, हिंदी प्रेमी, छात्र, साहित्यकार एवं जनता के अन्य वर्गों के लोग भी उपस्थित हैं। इसके बाद कविता कोश के संस्थापक और प्रशासक श्री ललित कुमार ने उपस्थित जन समुदाय को कविता कोश के इतिहास और कविता कोश वेबसाइट के उद्देश्यों से परिचित कराया। अपने वक्तव्य में ललित जी ने कविता कोश के विकास में सामुदायिक भावना के महत्व पर बल दिया और बताया कि इस तरह की वेबसाइट का अस्तित्व सिर्फ सामुदायिक प्रयासों से ही संभव है। एक अकेला व्यक्ति इस तरह की वेबसाइट नहीं चला सकता। इसीलिए शुरू में उन्होंने अकेले इस परियोजना को शुरू करने के बावजूद धीरे धीरे अन्य लोगों को कविता कोश से जोड़ा और कविता कोश टीम की स्थापना की। अब यह टीम ही कविता कोश का संचालन करती है। कविता कोश ने अपनी इस पंच वर्षीय जयंती के अवसर पर दो वरिष्ठ कवियों और पाँच एकदम नए युवा कवियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया था। इसलिए ललित जी के वक्तव्य के बाद इन सातों कवियों को सम्मानित किया गया। सम्मानित कवियों की सूची इस प्रकार है। ==कविता कोश सम्मान 2011: सम्मानित रचनाकार==* '''[[पूनम तुषामड़नरेश सक्सेना]]''', नई दिल्ली लखनऊ (कवि)* '''[[बल्ली सिंह चीमा]]''', ऊधमसिंह नगर (कवि)* '''[[दुष्यन्त]]''', राजस्थान (कवि)* '''[[श्रद्धा जैन]]''', सिंगापुर (शायर)* '''[[अवनीश सिंह चौहान]]''', इटावा (नवगीतकार)
* '''[[सिराज फ़ैसल ख़ान]]''', शाहजहांपुर (शायर)
* घोषणा जल्द ही '''[[पूनम तुषामड़]]''', नई दिल्ली (कवि) कविता कोश सम्मान के अंतर्गत दोनों वरिष्ठ कवियों नरेश सक्सेना एवं बल्ली सिंह चीमा को 11000 रू. नकद, कविता कोश सम्मान पत्र और कविता कोश ट्रॉफ़ी प्रदान की जाएगीगई। पाँचों युवा कवियों को पाँच हजार रु. नकद, सम्मान पत्र और कविता कोश ट्रॉफ़ी दी गई। शाल ओढ़ाकर इन कवियों का सम्मान करने के लिए मंच पर ये कवि उपस्थित थे। * घोषणा जल्द ही की जाएगी* '''कवि [[विजेन्द्र]]'''* घोषणा जल्द ही की जाएगी* '''कवि [[ऋतुराज]]'''* घोषणा जल्द ही की जाएगी* '''कवि [[नंद भारद्वाज]]'''* घोषणा जल्द * '''आलोचक मोहन श्रोत्रिय''' सम्मान के बाद सभी सम्मानित कवियों ने अपनी कविता का पाठ किया और समारोह में उपस्थित लोगों को कविता कोश के विषय में अपनी भावना से अवगत कराया और यह सुझाव दिए कि कविता कोश का आगे विकास करने के लिए क्या क्या कदम उठाए जाने चाहिए। कवियों का यह सम्बोधन एक विचार गोष्ठी में बदल गया था। कवियों ने चिंता व्यक्त की कि हिंदी भाषा और हिंदी कविता के लिए एक बड़ा खतरा पैदा हो रहा है। अंग्रेजी के बढ़ते प्रभाव के कारण और भारत के हिंदी भाषी क्षेत्र के निवासियों द्वारा हिंदी पर अंग्रेजी को प्रमुखता देने के कारण हिंदी संस्कृति और साहित्य का ह्रास हो रहा है। हिंदी को बाजार की भाषा बना दिया गया है लेकिन उसे ज्ञान और विज्ञान की भाषा के रूप में विकसित करने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हिंदी कविता के नाम पर बेहूदा और मजाकिया कविताएँ लिखी, छपवाई और सुनाई जा रही हैं। हिंदी कविता के मंच पर तथाकथित हास्य कवियों का अधिकार हो गया है। कवि नरेश सक्सेना ने कहा कि स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक की संपूर्ण शिक्षा का माध्यम हिंदी को बनाया जाना चाहिए और सभी तरह के विज्ञान और प्रौद्योगिकी को भी हिंदी में ही पढ़ाया जाना चाहिए अन्यथा आने वाले दस बीस सालों में हिंदी का अस्तित्व खत्म हो सकता है। नरेश सक्सेना जी के अनुसार आज हिंदी की जाएगीहैसियत घट गई है इसको अब वापस पाना होगा। सिर्फ आग लिख देने से कागज जलते नहीं बल्कि उन्हें जलाना पड़ता है। उन्होंने अपनी कविताओं से भी माहौल को जीवंत बनाया। उन्होंने मुक्त छंद में अपनी कविता पढ़ी।<poem>(१)जिसके पास चली गई मेरी जमीनउसके पास मेरी बारिश भी चली गई(२)शिशु लोरी के शब्द नहींसंगीत समझता हैबाद में सीखेगा भाषाअभी वह अर्थ समझता है</poem> कवि बल्ली सिंह चीमा ने अपने वक्तव्य में कविता कोश के प्रति आभार प्रकट किया कि उन्हें जयपुर आने और नए श्रोताओं से रूबरू होने का अवसर प्रदान किया है। यह सम्मान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सम्मान किसी सरकारी संस्था या किसी राजनीतिक संगठन द्वारा नहीं दिया जा रहा है बल्कि कविता के प्रेमियों द्वारा कवियों को सम्मानित किया जा रहा है और यह बड़ी बात है। उन्होंने कामना की कि कविता कोश वेबसाइट पर अधिक से अधिक कवियों की ज्यादा से ज्यादा कविताएँ जुड़ें और यह हिंदी की सबसे बड़ी वेबसाइट बन जाए। चीमा जी ने अपनी जो कविता पढ़ी वह इस प्रकार है।<poem>(१)कुछ लोगों से आँख मिलाकर पछताती है नींदखौफ़ज़दा सपनों से अक्सर डर जाती है नींदहमने अच्छे कर्म किए थे शायद इसीलिएबिना नींद की गोली खाए आ जाती है नींद(२)मैं किसान हूँ मेरा हाल क्या मैं तो आसमाँ की दया पे हूँकभी मौसमों ने हँसा दिया कभी मौसमों ने रुला दिया(३)वो ब्रश नहीं करतेमगर उनके दाँतो पर निर्दोषों का खून नहीं चमकतावो नाखून नहीं काटतेलेकिन उनके नाखून इतने लम्बे नहीं होते कि नोंच सकें दूसरों का माँस</poem>
'''कवि विजेन्द्र ने इस आयोजन व सम्मान से संबंधित आगे अवसर पर बोलते हुए कहा कि कविताएँ दॄष्टिहीन (visionless) नहीं होनी चाहिए| देश को सही विकल्प की जानकारी और बढ़ाने वाली कविता ही सर्वश्रेष्ठ हो सकती है। कविता कोश इस पृष्ठ पर धीरे-धीरे जोड़ी जा रही दिशा में महत्वपूर्ण काम कर रहा है। अधिक जानकारी के कविता कोश में रचनाओं का चयन बहुत अच्छा है और इसके लिए कविता कोश के संपादक अनिल जनविजय बधाई के पात्र हैं। इसके तुरंत बाद बोलते हुए अनिल जनविजय ने बताया कि अब से कविता कोश के संपादक कवि प्रेमचंद गाँधी होंगे। मैं अपना कार्यभार उन्हें सौंपता हूँ। अनिल जनविजय ने कविता कोश की पूरी टीम के योगदान को सराहा और टीम सदस्य प्रतिष्ठा शर्मा एवं ललित कुमार के समर्पण की प्रशंसा की। इस पृष्ठ अवसर पर नज़र बनाए रखें।'''वरिष्ठ कवि ऋतुराज, नंद भारद्वाज और मोहन श्रोत्रिय ने भी अपने अपने विचार प्रस्तुत किए।