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दैत्यों का राज दिला तुमको पूरे कर दूँगी सब सपने
उर्वशी यहीं खिंच खिँच आयेगी वंदी सुरपति के साथ-साथ
दिखलाना उसकी नृत्य-कला मुझको चरणों में बिठा नाथ!'