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नदी और किनारा / मासूम शायर

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नया पृष्ठ: ना अधिकार की बात करो<br /> ना दीवार की बात करो<br /> दूर से करो मुझ से<br /> पर…
ना अधिकार की बात करो<br />
ना दीवार की बात करो<br />
दूर से करो मुझ से<br />
पर प्यार की बात करो<br />

हम एक दूसरे की वजह से हैं<br />
कोई किसी का सर्माया नही है<br />
सच तो ये है भगवान ने भी हमे<br />
हमारा रिश्ता बताया नही है<br />

मैं नदी हूं <br />
तुम किनारे का नाम हो<br />
मैं तुम्हारे कारण हूं<br />
तुम मेरा परिणाम हो<br />

ना मैं किसी से शिकायत कर सकती हूं<br />
ना तुम कभी विद्रोह कर सकते हो<br />
ना मैं प्यार में जान दे सकती हूँ<br />
ना तुम इश्क़ में कभी मर सकते हो<br />

अगर तुम ने मेरी लहरों पर हक जमाया<br />
अगर तुम्हारा एक कदम भी मेरे नज़दीक आया<br />
रिश्ता बदल जाएगा<br />
तुम किनारा नही रहोगे<br />
मेरा सहारा घुल जाएगा<br />

और अगर मैं तुम तक आने लगी<br />
तुम्हारी फैली बाहों में समाने लगी<br />
तो तुम से दूर बह जाऊंगी<br />
मैं मेरी सीमाओं में फिर नही आऊँगी<br />

धरा जल में होगी<br />
जल धरती पर बह जाएगा<br />
मिलन के बाद दूर दूर तक<br />
एक विनाश रह जाएगा<br />

मिलन की आस छोड़ो <br />
हर एक प्यास छोड़ो<br />
मुझे सपनो में रक्खो<br />
मेरी तलाश छोड़ो<br />

मुझे तुम बस देख सकते हो<br />
मैं जानती हूं मुझे दिल में रखते हो<br />
पर मेरा मिलन सागर के भाग्य में है<br />
सागर में मुझे समाना है<br />
उस मलन तक मेरे किनारे मेरे दोस्त<br />
तुम्हे कदम कदम साथ आना है<br />
जो तुम मेरे हो<br />
ईश्वर को भी कभी वो नही माना है<br />
तुम्हे कदम कदम मेरे साथ आना है जाना है<br />

सागर को जो दूँगी मेरा शरीर है <br />
जो नश्वर है<br />
जो तुम्हे दे जाऊंगी मैं<br />
मेरी धड़कनो का स्वर है<br />

उस स्वर को ज़िंदा रखना<br />
मैं रही नही वहाँ <br />
पर ये किनारा घर है मेरा<br />
इस घर को ज़िंदा रखना<br />
इस घर को ज़िंदा रखना<br />

ना अधिकार की बात करो <br />
ना दीवार की बात करो<br />
दूर से करो मुझ से<br />
पर प्यार की बात करो<br />
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