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Kavita Kosh से
जब रथचक्र उठा तुमने कौरव-दल को ललकारा
सखा-भाव अर्जुन के हित था
पर जो कालरूप घोषित था
दिखा उसी के उसीके द्वारा
शिव थे तब समाधि से जागे