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स्‍त्री पूजन / माया मृग

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देह में कामना न रहे
दिमाग में मुक्ति का विचार ना हो
-----तुम खुश रहो स्‍त्री ---- यत्र नार्यस्‍तु पूज्‍यते-------....
</Poem>
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