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एक राजकुमारी रहती थी
अपने लम्बे, घने बालों में कनेर के फूल खोंसे
उसी ने उसीने तो मुझे पुकारा था,
और मैं भी तो दिन भर का थका-हारा था,
उसकी पलकों की छाया में
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