भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कृष्ण कुमार ‘नाज़’

147 bytes added, 16:39, 25 जुलाई 2011
*[[एहसास की शिद्दत ही सिमट जाए तो अच्छा / कृष्ण कुमार ‘नाज़’]]
*[[खींच लाता है समय उस मोड़ पर इंसान को / कृष्ण कुमार ‘नाज़’]]
*[[क्या हुआ तुमको अगर चेह्रे चेहरे बदलना आ गया / कृष्ण कुमार ‘नाज़’]]
*[[राहत दो या उलझन दो / कृष्ण कुमार ‘नाज़’]]
*[[लगा रक्खी है उसने भीड़ मज़हब की, सियासत की / कृष्ण कुमार ‘नाज़’]]
*[[झूठ है,छल है,कपट है,जंग है,तकरार है / कृष्ण कुमार ‘नाज़’]]
*[[मैं तेरा अक्स हूँ तुझसे कभी जुदा ही नहीं / कृष्ण कुमार ‘नाज़’]]
*[[शाम का वक्त है शाखों को हिलाता क्यों है/ कृष्ण कुमार ‘नाज़’]]*[[तरफ़दारी नहीं करते कभी हम उन मकानों की/ कृष्ण कुमार ‘नाज़’]]*[[बस गया हो ज़हन में जैसे कोई डर आजकल/ कृष्ण कुमार ‘नाज़’]]*[[चाहत को आँसुओं के भँवर से बचा लिया / कृष्ण कुमार ‘नाज़’]]
*[[ / कृष्ण कुमार ‘नाज़’]]
</sort>