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[[Category:ग़ज़ल]]
बेदिली ! क्या यूँ ही दिल गुज़र जाएंगे दिन गुजर जायेंगे सिर्फ सिर्फ़ ज़िन्दा रहे तो हम तो मर जाएंगेजायेंगे
ये खराब आतियाने, खिरद बाख्तासुबह होते ही सब काम पर जाएंगे जायेंगे
कितने दिलकश हो तुम कितना दिलजूँ हूँ मैं
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