भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= श्रद्धा जैन }} {{KKCatGhazal}} <poem> प्यार में बिक जाये बेमोल …
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= श्रद्धा जैन
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
प्यार में बिक जाये बेमोल
वर्ना गुड़िया है अनमोल
जीवन नैया डांवांडोल
बाबा अब तो आँखें खोल
खुल जायेगी तेरी पोल
खुद को इतना भी न टटोल
कौन यहाँ किसको क्या दे
सबके हाथों में कशकोल
आज हादसा नहीं हुआ
जश्न मनाओ, पीटो ढोल
जो बिछुड़ा वो फिर न मिला
हम समझे थे दुनिया गोल
क्यों मुश्किल में पड़ता है
सबकी बातों पर हाँ बोल
सोने पर लोहा भारी
वक़्त आ गया लोहा तोल
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार= श्रद्धा जैन
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
प्यार में बिक जाये बेमोल
वर्ना गुड़िया है अनमोल
जीवन नैया डांवांडोल
बाबा अब तो आँखें खोल
खुल जायेगी तेरी पोल
खुद को इतना भी न टटोल
कौन यहाँ किसको क्या दे
सबके हाथों में कशकोल
आज हादसा नहीं हुआ
जश्न मनाओ, पीटो ढोल
जो बिछुड़ा वो फिर न मिला
हम समझे थे दुनिया गोल
क्यों मुश्किल में पड़ता है
सबकी बातों पर हाँ बोल
सोने पर लोहा भारी
वक़्त आ गया लोहा तोल
</poem>