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सदस्य:Ravi pardesi

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dfork----f’k{kkकविता... tkr okn fd ;s ikB’kkyk जात वाद कि ये पाठषाला [kqys vke pyrh gaS खुले आम चलती हैं Lkekt dh xanh /kkjk esaसमाज की गंदी धारा में f’k{kk fujarj fodrh gSaषिक्षा निरंतर विकती हैं [kwc iSalk [kpZ fd;kखूब पैंसा खर्च किया rc ik;h ;s fMfxz;kaतब पायी ये डिग्रियां [kwu ilhuk cgk;k vikj खून पसीना बहाया अपार fQj Hkh uk le>sa nqfu;kWफिर भी ना समझें दुनियॉ f’k{kk fcdrh cktkjksa esaषिक्षा बिकती बाजारों में Nk= cus blds [kjhnnkjछात्र बने इसके खरीददार f’k{kd gS bldks cspus okysषिक्षक है इसको बेचने वाले ij dkSu djs f’k{kk ij izfrgkjपर कौन करे षिक्षा पर प्रतिहारf’k{kk dh /kk/kayh dksषिक्षा की धाधंली कोvc ge dSls feVk;sअब हम कैसे मिटायेf’k{kk gekjk thou gSषिक्षा हमारा जीवन हैbls dSls vkxs c<k;sइसे कैसे आगे बढाये jfo xksgniqjh xksgnokyk रवि गोहदपुरी गोहदवाला
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