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पेड़ चलते नहीं / सुरेश यादव

No change in size, 04:35, 12 अगस्त 2011
धर्म का प्रचार करते हैं पेड़
फूलों में रंग और खुशबू भर कर
गूंगे तो होती होते नहीं हैं पेड़
बोलते हैं, बतियाते हैं
बसंत हो या पततझर