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Kavita Kosh से
आंखों के मिस दे दिया निमंत्रण मुझे किसी ने जब से
सुधियों की बदली उमड़ घुमड़ घेरे रहती है तब से
मीरा के भजन, मुझे लगता अब, संबल बन जाएंगे।
होगी रिमझिम बरसात पुराने ज़ख्म उभर आएंगे।।