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देनहार कोउ और है, भेजत सो दिन रैन । <BR/> <BR/>
लोग भरम हम पै धरैं, याते नीचे नैन ॥ 1 ॥ <BR/><BR/>
बसि कुसंग चाहत कुसल, यह रहीम जिय सोस । <BR/>
महिमा घटी समुन्द्र की, रावन बस्यो परोस ॥ 2 ॥ <BR/><BR/> <BR/><BR/>
रहिमन कुटिल कुठार ज्यों, कटि डारत द्वै टूक । <BR/>
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