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काला नहीं दाल में भाई काली पूरी दाल
ठन ठन गोपाल
 
लड़ना ही था तो लड़ लेते काहे भागे थाने
मुंशी और दरोग़ा ने मिलकर रसगुल्ले छाने
दरवाजे़ पर खड़ा भिखारी माँग रहा है दस का
अब क्या होगा पूछ रहा है विक्रम से बेताल
ठन ठन गोपाल
खा जाएगा गच्चा ........................