भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'" प्राति'"
*[[ कमल नयन परदेस हे भावनि ]]
*[[ सीया सुधि सुनु हे रघुराइ ]]*[[ श्याम बिनु आई वृंदावन सुन ]]*[[ रथ पर सीया करथि विलाप ]]*[[ भोर उठि कहु गंगा गंगा, जौ सुख चाहिये भाई ]]