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आज तो पुनो पूनो मचल पड़ी
अलकों में मुक्ता हल मुक्ताहल भरके
भाल बीच शशि बेंदी भर के
चंदन चर्चित अंग सुहावन
झिलमिल सुवार्ननचल स्वर्नांचल मन भावन
चम्पक वर्ण, कपोल लुभावन
आँखें बड़ी बड़ी
आज तो पुनो पूनो मचल पड़ी
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